UPI Fees Hike: UPI पर लगेगा चार्ज, मुफ्त लेन-देन का दौर खत्म, जानें कितनी देनी होगी फीस?
अब तक के ताजा अपडेट्स के अनुसार, आम यूजर्स के लिए यूपीआई (UPI) ट्रांजैक्शंस पर सीधा कोई शुल्क (चार्ज) नहीं लगाया गया है। केंद्र सरकार और वित्त मंत्रालय ने 18 अगस्त 2025 को लोकसभा में स्पष्ट किया कि किसी भी यूपीआई ट्रांजैक्शन पर ग्राहक से पैसा वसूलने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है।
हाल ही में कुछ ख़बरें थीं कि कुछ बैंकों (जैसे ICICI, Axis, Yes Bank) ने पेमेंट एग्रीगेटर्स (Payment Aggregators, PA) से यूपीआई ट्रांजैक्शन प्रोसेसिंग के लिए मामूली चार्ज वसूलना शुरू किया है। इन चार्जेज़ का असर फिलहाल सिर्फ़ पीए (Payment Aggregators) पर है — आम यूजर्स या व्यापारियों (Merchants) पर नहीं। उदहारण के लिए, ICICI बैंक ने 1 अगस्त 2025 से पेमेंट एग्रीगेटर्स से प्रति ट्रांजैक्शन 2 बेसिस पॉइंट (₹0.02 प्रति ₹100, अधिकतम ₹6) लेने की घोषणा की है, और जिनका ICICI में escrow account नहीं है उनके लिए ये 4 बीपीएस (₹0.04 प्रति ₹100, अधिकतम ₹10) रहेगा। अन्य बैंकों में भी इसी तरह के शुल्क हैं।
UPI Fees Hike
यूपीआई पर आम यूजर को किन ही हालतों में शुल्क देना पड़ सकता है?
यदि आप UPI वॉलेट (जैसे Paytm Wallet, GPay wallet) के ज़रिए और ₹2,000 से ज़्यादा का पेमेंट करते हैं, तो उसमें 1.1% इंटरचेंज फीस व्यापारी (merchant) से लिया जाता है, ग्राहक से नहीं।
ज्यादातर बैंक टू बैंक UPI ट्रांजैक्शन (Google Pay, PhonePe, BHIM, इत्यादि से) पूरी तरह मुफ़्त हैं और यूजर्स पर कोई चार्ज नहीं है।
सरकार या NPCI का कहना है — आम लोगों की यूपीआई ट्रांजैक्शन ‘फ्री’ रहेगी, कोई जीएसटी या अन्य नया चार्ज सीधे आपसे नहीं वसूला जाएगा। भविष्य में यदि कोई बदलाव हुआ तो इसकी औपचारिक घोषणा होगी।
निष्कर्ष:
अभी तक यूपीआई उपभोक्ता से कोई चार्ज नहीं लिया जा रहा है।
कुछ बैंकों ने पेमेंट एग्रीगेटर्स से मामूली शुल्क वसूलना शुरू किया है, पर आम उपभोक्ता और व्यापारी से नहीं।
₹2,000 से ज़्यादा के वॉलेट-वाले UPI पेमेंट पर सिर्फ व्यापारियों से 1.1% इंटरचेंज फीस लगती है।
आपके लिए UPI ट्रांजैक्शन भेजना या रिसीव करना अभी भी मुफ़्त है