News Gold Price 2025
15 अगस्त 2025 को भारत समेत वैश्विक बाजारों में सोना-चांदी के दाम में जोरदार गिरावट देखने को मिली है। इस गिरावट का मुख्य कारण अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का वह बड़ा ऐलान है जिसमें उन्होंने सोने के आयात पर संभावित टैरिफ नहीं लगाने की घोषणा की। ट्रंप के बयान के बाद, सोने-चांदी के दाम दो दिनों में ही धराशायी हो गए और निवेशकों को बड़ा झटका लगा।
हाल ही में अमेरिकी कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (CBP) द्वारा एक किलो और 100 औंस के मानक सोने की छड़ों पर 39% टैरिफ लगाने की अटकलें थीं। इस खबर ने सोने के अंतरराष्ट्रीय और भारतीय बाजार में भारी उथल-पुथल मचा दी थी। इन अटकलों को खत्म करते हुए, ट्रंप ने 11 अगस्त 2025 को अपने सोशल मीडिया पर स्पष्ट किया कि “सोने पर कोई टैरिफ नहीं लगाया जाएगा!”।
इस बयान ने बाजार में फैली अनिश्चितता को दूर किया और निवेशकों में आत्मविश्वास लौटाया, लेकिन इसका तुरंत असर ये हुआ कि सोने की कीमतें तेजी से गिर गईं। इसका कारण था कि टैरिफ लगने की आशंका में दाम ऊपर चले गए थे, मगर ऐलान के बाद मुनाफावसूली व भारी बिकवाली शुरू हो गई।
News Gold Price 2025
कितनी बड़ी गिरावट आई सोना-चांदी के भाव में?
दो दिनों के भीतर दिल्ली और अन्य बड़े बाजारों में सोने के दाम में लगभग ₹1,400 से ₹1,900 प्रति 10 ग्राम और चांदी में ₹3,000 प्रति किलो तक की गिरावट रिकॉर्ड की गई।
24 कैरेट सोने की कीमत दिल्ली, मुंबई, कोलकाता जैसे शहरों में 1,01,000 रुपये के आसपास आ गई। जबकि 22 कैरेट के दाम करीब 92,800–93,000 रुपये पर दिखे।
इंडिया बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के मुताबिक, 24 कैरेट सोने की कीमत 287 रुपये घटकर 99,670 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई।
कुछ शहरों में 18 कैरेट सोना करीब 76,130–76,740 रुपये प्रति 10 ग्राम तक चला गया।
चांदी की कीमत भी 100–3000 रुपये प्रति किलो तक गिरी, कुछ जगहों पर रेट 1,13,000–1,16,100 रुपये प्रति किलो रहा।
क्या वजह रही इतनी तेज गिरावट की?
अमेरिका में टैरिफ की अटकलों का खत्म होना: ट्रंप के ‘नो टैरिफ’ ऐलान के कारण सोने-चांदी की मांग में तेज गिरावट आ गई।
मुनाफावसूली: त्योहारों और डर की वजह से पिछले कुछ सप्ताह में दाम ज्यादा बढ़े थे, अब निवेशकों ने तेजी से मुनाफा निकाला।
जियो-पॉलिटिकल टेंशन कम होना: वैश्विक राजनीति में कुछ राहत मिलने से भी कीमतों की तेजी पर ब्रेक लगा।
फेडरल रिजर्व की पॉलिसी अटकलें: ब्याज दरों में कटौती की संभावना से भी सोने के भाव में अस्थिरता रही।
आगे क्या रहेगा बाजार का मूड?
विशेषज्ञ मानते हैं कि इतनी बड़ी गिरावट के बावजूद सोने के दाम अभी भी ऊंचाई पर बने हुए हैं। अगर अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दर कम करता है या दुनियाभर में जियो-पॉलिटिकल टेंशन बढ़ती है तो सोना फिर महंगा हो सकता है।
निवेशकों और ग्राहकों को क्या करना चाहिए?
यदि आप जल्दी में निवेश करना चाहते हैं, तो गिरावट के इस मौके पर थोड़ा सोना-चांदी ले सकते हैं।
बाजार के विशेषज्ञों के अनुसार, दीर्घकालिक स्तर पर सोने और चांदी में निवेश अभी भी सुरक्षित है, लेकिन कीमतों में अस्थिरता बनी रह सकती है।
घरेलू बाजार में त्योहारी सीजन के चलते भी भाव में हलचल बनी रह सकती है।