UPI Payment New Rules: UPI पेमेंट पर लगेगा चार्ज, जितने भी ग्राहक UPI यूज करते हैं उन सभी को बड़ा झटका।

UPI Payment New Rules

देशभर में यूपीआई (UPI) पेमेंट सिस्टम के नए नियम लागू हो गए हैं। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने इन बदलावों का मकसद सर्वर पर बढ़ते लोड को कम करना और यूपीआई से जुड़े आउटेज, फेल या डिले जैसी समस्याओं को सुलझाना बताया है। अगर आप भी रोजाना यूपीआई ऐप्स (PhonePe, Google Pay, Paytm) इस्तेमाल करते हैं, तो ये नियम जानना जरूरी है।

बैलेंस चेक पर लिमिट

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अब यूपीआई से दिनभर में सिर्फ 50 बार ही बैलेंस चेक किया जा सकेगा। इससे पहले कोई सीमा नहीं थी, लेकिन अब लगातार बैलेंस देखने वालों की आदत पर रोक लगेगी। बार-बार बैलेंस देखने की वजह से सर्वर पर अतिरिक्त लोड आ रहा था, इसे कम करने के लिए ये लिमिट लगाई गई है।

ट्रांजैक्शन के बाद बैलेंस दिखेगा

अब से प्रत्येक यूपीआई ट्रांजैक्शन के बाद बैंक बैलेंस ऑटोमैटिकली स्क्रीन पर दिखेगा। इससे यूजर बार-बार मैन्युअली बैलेंस चेक करने की जरूरत नहीं होगी और सिस्टम पर दबाव भी घटेगा।

ऑटो पेमेंट्स का समय बदला

अब यूपीआई से जुड़े सभी ऑटो-डेबिट या रिकरिंग पेमेंट (जैसे सब्सक्रिप्शन, ईएमआई, बिल पेमेंट) सुबह 10 बजे से पहले या रात 9:30 के बाद ही प्रोसेस होंगे। यानी बिजी समय में सर्वर पर ट्रैफिक कम रहेगा और फेल, डिले जैसी समस्याएं घटेंगी।

पेंडिंग ट्रांजैक्शन स्टेटस चेक भी लिमिटेड

अगर कोई यूपीआई ट्रांजैक्शन फंस जाता है तो उसकी स्थिति दिन में अधिकतम 3 बार ही (और हर बार 90 सेकंड के गैप से) चेक की जा सकेगी।

UPI Payment New Rules

सभी यूपीआई ऐप्स पर अनिवार्य

ये सभी नियम हर यूपीआई ऐप पर लागू होंगे, चाहे आप Google Pay, PhonePe या Paytm कुछ भी इस्तेमाल करें। कोई भी प्लेटफॉर्म इन लिमिट्स को बायपास नहीं कर सकता।

रोजाना ट्रांजैक्शन लिमिट में कोई बदलाव नहीं

रोज की 20 ट्रांजैक्शन और 1 लाख रुपये तक की लिमिट पहले की तरह ही बनी रहेगी, फिलहाल इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। सिर्फ मेडिकल-हेल्थ और एजुकेशन पेमेंट्स के लिए लिमिट 5 लाख रुपये है।

नए यूजर्स के लिए कम लिमिट

जो यूजर पहली बार यूपीआई इस्तेमाल कर रहे हैं, उनके लिए शुरुआती 24 घंटे तक 5,000 रुपये प्रति ट्रांजैक्शन और दिन भर में अधिकतम 5,000 रुपये ही ट्रांसफर किया जा सकता है।

इन नए नियमों का सीधा असर आम यूजर्स पर पड़ेगा। अब बार-बार बैलेंस चेक जैसी आदतों पर कंट्रोल करना होगा और ऑटो-डेबिट की टाइमिंग में भी बदलाव देखने को मिलेगा। ये नियम यूपीआई सिस्टम को और सुरक्षित और स्मूथ बनाने के लिए लाए गए हैं जिससे सर्वर डाउन, लेन-देन फेल या डिले की समस्याएं कम होंगी।

महत्वपूर्ण: अभी ₹2,000 से ऊपर के यूपीआई ट्रांजैक्शन पर टैक्स या जीएसटी जैसा कोई नया नियम नहीं आया है। केवल ऊपर दिए गए बदलाव ही लागू किए गए हैं

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